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Is Digital Marketing Considered an IT Job?

  Is Digital Marketing Considered an IT Job? In today’s digital age, the lines between various professional fields are becoming increasingly blurred. One common question that arises is whether digital marketing should be classified as an IT ( Information Technology ) job. While digital marketing heavily relies on technology, it’s essential to understand its distinct role and how it interacts with the IT sector. Understanding Digital Marketing Digital marketing encompasses all marketing efforts that use the internet or an electronic device. This includes: - Search Engine Optimization (SEO) - Content Marketing - Social Media Marketing - Email Marketing - Pay-Per-Click (PPC) Advertising - Affiliate Marketing - Influencer Marketing The primary goal of digital marketing is to reach and engage customers through various online platforms, ultimately driving sales and brand awareness. The Role of Technology in Digital Marketing While digital marketing is not inherently an IT job, technolog...

कोलकाता की डॉक्टर को पता चल गया था ऐसा राज, जो उसे नहीं जानना चाहिए था? जानें पिता और दोस्तों ने क्या जताया शक?

Kolkata Doctor Case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज की 31 वर्षीय पीजीटी डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की जांच जटिल होती जा रही है। माता-पिता और सहकर्मी मानते हैं कि डॉक्टर कुछ संवेदनशील जानकारी जान गई थी। पुलिस वॉलनटिअर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया, लेकिन शक है कि असली दोषी अब भी आज़ाद हैं।



कोलकाता : क्या आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की 31 वर्षीय पीजीटी डॉक्टर को कुछ ऐसा पता था जो उसे नहीं पता होना चाहिए था? क्या उसे उन रहस्यों को जानने की कीमत चुकानी पड़ी जो उसे नहीं जानना चाहिए था? क्या उसे चुप कराने के लिए बलात्कार और हत्या की योजना बनाई गई थी? ये कुछ सवाल उसके माता-पिता और सहकर्मियों ने उठाए हैं।

डॉक्टर के माता-पिता के लेकर अस्पताल के डॉक्टर तक यही कह रहे हैं कि पुलिस वॉलनटिअर संजय रॉय की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि संजय रॉय केवल एक छोटा सा मोहरा है। वह बलि का बकरा हो सकता है और असली अपराधियों को अभी तक पकड़ा नहीं गया है।

36 घंटे लगातार लिया जा रहा था काम

पुलिस ने अब तक मृतक डॉक्टर की डायरी और उसके माता-पिता से जो विवरण जुटाए हैं, उनसे पता चलता है कि वह पिछले कुछ हफ्तों से बहुत तनाव और काम के दबाव में थी। दूसरे वर्ष की पीजीटी डॉक्टर होने के नाते, वह पहले ही सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक साल से अधिक समय बिता चुकी थी। ऐसे संस्थानों में, जूनियर डॉक्टरों के लिए लगातार 36 घंटे काम करना आम बात है। उसने एक डायरी में दबाव के बारे में लिखा।

टारगेट करके वार का संदेह

डॉक्टर के साथ काम करने वाले एक सहकर्मी ने कहा, 'हमें संदेह है कि यह बलात्कार और हत्या का कोई साधारण मामला नहीं था या वह आकस्मिक शिकार थी। उसे निशाना बनाया गया था। संजय रॉय को कैसे पता चला कि वह उस समय सेमिनार हॉल में अकेली थी? वह किसी बड़ी मछली की रची गई साजिश का शिकार हो सकती है।

ड्रग्स रैकेट या कुछ और?

कुछ लोगों ने आरजी मेडिकल कॉलेज के ड्रग रैकेट की ओर इशारा किया। एक अन्य सहकर्मी ने कहा कि उसके विभाग में संभावित ड्रग साइफनिंग रैकेट की चर्चा है, जिसका वह पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही थी। हमारे लिए इस पर संदेह करने का एक कारण है, क्योंकि वह ईमानदार थी।

संदीप घोष पर लटकी तलवार

कई सहकर्मियों ने कहा कि वह पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की साजिश का शिकार हो सकती है। उन्होंने कहा कि अधिक काम करने को लेकर संदीप घोष ने एक एसओपी जारी की थी। इसे संदीप घोष के नेतृत्व वाले आरजी कर के पिछले प्रबंधन की निगरानी में पूरा किया जाता था। घोष की लाइन पर न चलने वाले संकाय सदस्यों के लिए इसका मतलब तबादला होता था। वहीं एमबीबीएस छात्रों को परीक्षा में फेल कर दिया जाता था। डॉक्टर को शायद इसका विरोध करने की सजा मिली हो।

माता-पिता ने जताया संदेह

9 अगस्त को अपनी बेटी की मौत की सूचना मिलने के बाद, महिला के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि उसने उनसे काम के अत्यधिक दबाव के बारे में बात की थी। उसकी डायरी से यह स्पष्ट था कि कुछ सहकर्मी उस पर बहुत सारा काम थोप रहे थे। मामला सीबीआई को सौंपे जाने से पहले, माता-पिता ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी ने विभाग में कुछ ऐसा देखा या सुना जो उसे नहीं पता होना चाहिए था। सहकर्मियों और अधिकारियों ने अस्पताल में कई तरह की गड़बड़ियों की ओर भी इशारा किया और कहा कि जो कोई भी अनियमितताओं के खिलाफ खड़ा होने की हिम्मत करता है, उसे 'किसी न किसी तरह की सजा दी जाती है।

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